तिग्मांशू धूलिया के तीसरे एडिशन में सत्ता का पावर, चालाकी और षड़यंत्र को जारी रखा है। माधवी देवी (माही गिल) और साहेब (जिमी शेरगिल) लड़ते नजर आए हैं। इस बार ऐसा लगता है कि माधवी साहेब से आगे निकल गईं हैं साहेब के जेल के कार्यकाल में वे मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बन गईं हैं। इस बार गैंगस्टर (संजय दत्त) लंदन रिटर्न हैं जो बूंदीगढ़ की रॉयल फैमिली से संबंध रखता है। माधवी साहेब से वापस आने से खुश नहीं है और उसे हवेली से निकलवाने की हर संभव कोशिश करती है इसके लिए वो उदय की मदद भी लेती है। उदय इस काम के लिए परफेक्ट हैं। उदय अपनी फैमिली में भी कई परेशानियों से जूझ रहा है। उसके पिता (कबीर बेदी) और भाई (दीपक तिजोरी )सोचते हैं कि वो उनके बिजनेस को बर्बाद कर रहा है और उन्हें मारना चाहता है। उदय वेश्या का किरदार निभा रहीं चित्रांगदा (सुहानी) से प्यार करता है। जो उदय की फैमिली को बिलकुल पसंद नहीं है। माधवी के अलावा साहेब के दुश्मनों की लिस्ट में साहेब के ससुर (जाकिर हुसैन) भी हैं जिन्हें लगता है कि साहेब ने उनकी बेटी रंजना सोहा अली खान को शराबी बना दिया है। इस फिल्म में...
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